स्वयं शिक्षण दिवस

by | Oct 29, 2023

एक दिन स्कूल में कक्षा लेते समय नोटिस आया कि आज दो बजे के बाद सुशील शाला (मीटिंग हॉल) में बैठक है, जहाँ सभी शिक्षक और छात्र, छात्राओं की उपस्थिति अनिवार्य है। बच्चों को यह पता चलते ही वे बहुत खुश हुए। ऐसा लग रहा था मानो बहुत समय से इसके इंतजार में हो, पर मुझे अब भी समझ नहीं आ रहा था कि ये बैठक आखिर है किस चीज़ की। दो बजे हम सभी बैठक सभा में एकत्रित हुए, जहाँ स्कूल के सभी लोग आए थे। बैठक के बाद समझ आया कि यहाँ शिक्षण दिवस की बात हो रही है, और बच्चे इस अवसर से खुश थे क्योंकि इसका मतलब था कि उन्हें एक पूरा दिन अपने पसंदीदा शिक्षक बनने का मौका मिलेगा। कुछ बच्चे मेरे पास आकर बोलने लगे कि हम में से कोई आपका भी रोल निभाएगा।

हम सब ने स्कूल के समय से ही शिक्षक दिवस का कार्यक्रम देखे हैं। सजावट, टीचर को गिफ्ट देना, केक काटना, कक्षा को सजाना, सांस्कृतिक कार्यक्रम होना, और भी बहुत कुछ कई स्कूलों में होता है। ऐसा शिक्षक दिवस हम सभी जानते हैं। पर यहाँ ग्राम स्वराज संघ (जी.एस.एस.) में इस दिन को शिक्षक दिवस नहीं, बल्कि शिक्षण दिवस का नाम दिया गया है, और यह इसलिए क्योंकि इस दिन यहां के छात्रों में से ही कोई प्रिंसिपल और कुछ बच्चे टीचर का रोल निभाते हैं।

कौन क्या बनेगा, इसके लिए बच्चे आपस में ही चयन करते हैं। जिसे भी प्रिंसिपल का रोल निभाना है, वह अपना नाम देते हैं, और फिर बाकी बच्चे वोट करते हैं। जिसे सबसे ज़्यादा वोट मिला, वह एक दिन के लिए प्रिंसिपल होगा। उस दिन बच्चे ही सारा काम देखते हैं और निर्णय लेते हैं, अब चाहे वो कुछ सूचना देना हो या कक्षा संभालना। इस बीच स्कूल के शिक्षक उपस्थित होते हैं।

जिन बच्चों ने टीचर बन कर कक्षा लेने का काम नहीं लिया है, वे अपने कक्षा की सजावट करते हैं और क्योंकि ये बच्चे यहीं हॉस्टल में रहते हैं, वे बाहर की दुकानों से कुछ खरीद कर नहीं लाते। जो भी सामग्री उनके आस-पास है, उसी से वह कुछ चीज़ें बनाते हैं और कुछ कैंपस पर रहने वाले परिवारों के घर से लेते हैं। इस सबके पीछे शिक्षक का महत्व समझने के साथ-साथ सामूहिक कार्य करना, एक दूसरे की मदद करना तथा गतिविधियों में शामिल होना भी शामिल है।

मैंने क्या सीखा

इस कार्यक्रम के बाद मुझे ये समझने में आसानी हुई कि बच्चों के तरीकों से उनकी कक्षा कैसी होनी चाहिए, वे कैसे पढ़ाना चाहते हैं और कैसी क्लास चाहते हैं। शिक्षक-छात्र संबंधों को मजबूत बनाने में मैंने इस कार्यक्रम की मदद ली। बच्चों से उनके अनुभव और चुनौतियों व किस तरह कक्षा के वातावरण को और बेहतर बनाया जा सकता है, उसके बारे में चर्चा की। ऐसा करने से मुझे उनको और जानने का मौका मिला।

समग्र रूप से, यह आयोजन न केवल छात्रों को मूल शिक्षण अनुभव प्रदान करता है, बल्कि यह स्कूल के शिक्षकों को भी उनके छात्रों की क्षमताओं, नेतृत्व संभावनाओं और कक्षा के गतिविधियों के छुपे हुए दृष्टिकोणों को प्रकट करने का एक माध्यम देता है। यह शिक्षकों के लिए उनके छात्रों के साथ जुड़ने और एक सकारात्मक व सहानुभूत शिक्षा वातावरण को प्रोत्साहित करने का एक मौका है।

Stay in the loop…

Latest stories and insights from India Fellow delivered in your inbox.

0 Comments

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *