रति गोंड* मझोली गाँव की रहने वाली २१ वर्षीय महिला हैI मझोली गाँव पन्ना ज़िले के अमानगंज तहसील में आता है I दिसंबर २०२१ के महीने में प्रोजेक्ट कोशिका ने टाइगर रिज़र्व के 10 गाँव में एक हेल्थ कैंप का आयोजन किया था| यहाँ रति अपनी जांच करवाने आयी थी और मालुम पढ़ा की वह एक महीने की गर्भवती है| साथ ही साथ पेशाब की जांच से पता चला की उसे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन भी हैI रिपोर्ट आने के कुछ दिनों बाद ही रति अपना इलाज करवाने पन्ना आ गई थीI डॉक्टर ने उसे एक महीने की दवाई दी और फिरसे जांच करवाने के लिए कहाI कुछ महीने बीत गए और रति की तबियत अब पहले से ठीक रहने लगी I
वह हर महीने गाँव के टीकाकरण में अपनी ANC (Antenatal care) जांच करवाने आती थी| लगातार मल्टी विटामिन की और आयरन की गोलियां खाती थी| अपने खान पान पर ध्यान रखती थी और सारे टीके निर्देशानुसार लगवाती थी I
एक दिन फिर अचानक से उसे पेट में दर्द होने लगा और मझोली गाँव की आशा दीदी (ASHA) के साथ वह फिरसे पन्ना के प्राइवेट अस्पताल आ गईI उसकी सोनोग्राफी हुई और पता चला की उसका बच्चा उल्टा हैI जब शिशु का सिर ऊपर और पैर नीचे आते हैं तो इस स्थिति को ‘ब्रीच बर्थ’ कहा जाता है। डॉक्टर ने उसे कुछ कसरते बताई जिससे शिशु के डिलीवरी तक सीधे होने की संभावना बढ़ जाती हैI
उसकी डिलीवरी का समय 30 अगस्त को थाI हमने गाँव की आशा दीदी को फ़ोन मिलाया और उसका फॉलो अप किया लेकिन रति को अभी भी बच्चा नहीं हुआ थाI एक हफ्ता गुज़र गया जब रति को पेट दर्द होने लगाI रात के तीन बजे आशा दीदी ने एम्बुलेंस को फ़ोन लगाया और मझोली तक बुलायाI उसे अमानगंज के सरकारी अस्पताल लेके गएI उसका पानी टूट गया था और वह लेबर में थीI काफी घंटे बीत गए लेकिन अभी भी डिलीवरी नहीं हुई थी| उसका दर्द बढ़ते ही जा रहा थाI अमानगंज से वह रेफेर होके अपने पति और आशा दीदी के साथ पन्ना के सरकारी अस्पताल पहुंच गयी थीI
उसके पहुँचते ही उनके पति ने मुझे फ़ोन लगाया और तुरंत अस्पताल आने के लिए कहाI जब मैं अस्पताल पहुंची तो रति को इतना दर्द में देख कर मेरे रौंगटे खड़े हो गएI उसकी हालत बहुत गंभीर थी और उसे असहनीय दर्द हो रहा थाI नर्स से पता चला की बच्चे-दानी का मुँह बहुत धीरे खुल रहा है| और बच्चे के अंदर गंदे पदार्थ उसके नाक और मुँह के ज़रिये अंदर जा रहे है| उन्हें ऑपरेशन से डिलीवरी करवानी होगी वरना बच्चे की जान को खतरा हो सकता थाI
पूरे पन्ना में केवल एक मात्र गायनेकोलॉजिस्ट है और वह दुसरे ऑपरेशन में व्यस्त थी| उन्हें रति का ऑपरेशन करने में एक से दो घंटे और लग जातेI ऐसे में मुझे हालात पर गुस्सा भी आ रहा था और रति की फ़िक्र भी हो रही थीI उसे पन्ना के किसी पास के शहर में ले जाने में भी उतना ही समय लगता और वह हिलने ढुलने की हालत में नहीं थीI नर्स ने उसकी पीड़ा कम करने के लिए एक इंजेक्शन दिया लेकिन उसका असर १० मिनट तक ही रहता और वह फिर दर्द से उठ पढ़तीI वह चाहती थी की मैं उसके साथ लेबर रूम में रहु I यह मेरे लिए एक अलग अनुभव था I इतनी सारी महिलाएं एक कमरे में दर्द से पीड़ित रो रही थी और सहन करने के अलावा उनके पास और कोई विकल्प नहीं था I मैंने रति को गहरी सासें भरने के लिए कहा, साथ ही उसके पेट को हलके से सहलाना शुरू किया और बातों के ज़रिये उसका ध्यान भटकाया I पेट और कमर को सहलाने से उसे हल्का अच्छा महसूस हो रहा था I
ऐसे करते करते दो घंटे बीत गए और गायनेकोलॉजिस्ट अब दुसरे ऑपरेशन से बहार आ गई थी I कुछ समय बाद उन्होंने रति का ऑपरेशन किया और उसने एक लड़की को जन्म दिया I बच्ची का वज़न २.९ किलो था और देखने में बहुत स्वस्थ मालुम होती थी I रति को ९ टाँके लगे और वह ७ दिन अस्पताल में भर्ती रही I

रति की कहानी एक ख़ास कहानी है क्यूँकि वह एक ऐसे क्षेत्र से आती है जहाँ अस्पताल में डिलीवरी करवाना एक आम बात नहीं हैI ऐसे में ऑपरेशन से बच्चे को जन्म देना और अस्पताल में ७ दिन तक रहना एक बड़ी बात हैI यह एक उदाहरण के तौर पर काम करेगा और गाँव के बाकी लोगो को अस्पताल आने का प्रोत्साहन देगा I रति ने अपनी गर्भावस्ता के समय अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखा, समय पर जांच करवाई, टीके लगवाए और खान पान पर ध्यान दिया जिसकी वजह से उसकी बच्ची भी बहुत तंदरुस्त हैI
रति ने अपनी बच्ची का नाम मेरे नाम पर रखा, जो जानके मुझे बहुत ख़ुशी महसूस हुईI पन्ना आने से पहले शायद मुझे ऐसा कभी अनुभव करने को नहीं मिला और ऐसी छोटी-छोटी खुशियों से ही मेरा फ़ेलोशिप का सफर बहुत सुन्दर और अनोखा बनाI
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